डॉ. हार्डीकर की 50वीं पुण्यतिथि पर सेवादल ने दी श्रद्धांजलि

पाली, 26 अगस्त।कांग्रेस सेवादल के संस्थापक एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ. नारायण सुब्बाराव हार्डीकर की 50वीं पुण्यतिथि पर सोमवार को जिला कांग्रेस सेवादल की ओर से राजीव गांधी स्मृति भवन में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। कार्यकर्ताओं ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया और विचार गोष्ठी का आयोजन किया।

कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष मोहन हटेला ने कहा कि डॉ. हार्डीकर ने 1923 में नागपुर ध्वज सत्याग्रह के दौरान गिरफ्तारी के बाद अनुशासित स्वयंसेवकों की आवश्यकता को महसूस किया और 17 दिसंबर 1923 को हिंदुस्तानी सेवादल की स्थापना की। उनका योगदान कांग्रेस संगठन और स्वतंत्रता आंदोलन की रीढ़ साबित हुआ।

जिलाध्यक्ष प्रकाश चौधरी ने कहा कि कार्यकर्ताओं को उनके पदचिन्हों पर चलते हुए संगठन की मजबूती के लिए कार्य करना चाहिए।

कार्यक्रम में जिला महासचिव आमीन अली रंगरेज़, जिला सचिव भेराराम गुर्जर, घनश्याम भाटी, श्याम बागोरिया, गुलाब सोढा, धनराज आर्य, इब्राहिम शाह, फिरोज खेतावास, जगदीश प्रजापत, मांगीलाल पंवार, अनवर खान सिपाही, नैनाराम, मोहनलाल पुनर, विनोद चांवरिया सहित अनेक सेवादल कार्यकर्ता मौजूद रहे।

श्रद्धांजलि सभा के बाद पाली शहर ब्लॉक सेवादल की बैठक हुई, जिसमें आगामी 13 से 15 सितंबर तक होने वाले जिला स्तरीय संगठन सृजन अभियान एवं आवासीय प्रशिक्षण शिविर में अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का संकल्प लिया गया।

 

डॉ. नारायण सुब्बाराव हार्डीकर का भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और कांग्रेस सेवादल में बहुत बड़ा योगदान रहा। उनका मुख्य योगदान इस प्रकार रहा –

1. स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदारी

1923 में नागपुर ध्वज सत्याग्रह में शामिल हुए और गिरफ्तारी दी।

इस आंदोलन से उन्हें अनुभव हुआ कि स्वतंत्रता संग्राम के लिए अनुशासित एवं प्रशिक्षित स्वयंसेवकों की आवश्यकता है।

 

2. हिंदुस्तानी सेवादल की स्थापना

17 दिसंबर 1923 को उन्होंने हिंदुस्तानी सेवादल की स्थापना की।

सेवादल का उद्देश्य था कांग्रेस कार्यकर्ताओं और युवाओं को अनुशासन, संगठन और सेवा की भावना के साथ स्वतंत्रता आंदोलन में तैयार करना।

 

3. अनुशासन और प्रशिक्षण पर जोर

उन्होंने स्वयंसेवकों के लिए सैन्य शैली का प्रशिक्षण और शिष्टाचार आवश्यक माना।

सेवादल की वेशभूषा, मार्च, संगठन पद्धति आदि का निर्माण उन्होंने ही किया।

 

4. कांग्रेस संगठन को मजबूत करना

कांग्रेस के हर आंदोलन – सत्याग्रह, आंदोलन, यात्रा और सभाओं – में सेवादल कार्यकर्ता संगठन और सुरक्षा व्यवस्था में अग्रणी रहे।

उन्होंने युवाओं में त्याग, सेवा और बलिदान की भावना पैदा की।

 

5. प्रेरणास्रोत व्यक्तित्व

वे न केवल स्वतंत्रता सेनानी थे बल्कि कांग्रेस सेवादल के संस्थापक के रूप में उनका नाम भारतीय इतिहास में अमर हो गया।

उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में युवाओं की बड़ी फौज खड़ी कर दी जो देश की आज़ादी की रीढ़ साबित हुई।

 

👉 सरल शब्दों में कहें तो डॉ. हार्डीकर का सबसे बड़ा योगदान यही था कि उन्होंने कांग्रेस सेवादल जैसी संस्था खड़ी की, जिसने अनुशासित कार्यकर्ताओं की पीढ़ी तैयार करके स्वतंत्रता आंदोलन को नई ऊर्जा दी।

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