घेनड़ी के महेंद्र सिंह को पीएच.डी. की उपाधि

पाली, 6 अक्टूबर।मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर द्वारा ‘डॉ. सत्यनारायण का कथेतर साहित्य : समीक्षात्मक अध्ययन’ विषय पर शोधकार्य पूर्ण करने पर महेंद्र सिंह राजपुरोहित को पीएच.डी. की उपाधि प्रदान की गई है।

राजपुरोहित ने विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में सहायक आचार्य डॉ. राजकुमार व्यास के निर्देशन में यह शोध कार्य किया है। वर्तमान में वे मोही (राजसमंद) में व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं।

पाली जिले के घेनड़ी ग्राम निवासी महेंद्र सिंह राजपुरोहित समय-समय पर विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में अपने शोधपत्रों का वाचन करते रहे हैं। उन्होंने राजस्थानी फिल्म ‘नमक’ में बतौर डायलॉग ट्रांसलेटर कार्य करते हुए अपनी अलग पहचान भी बनाई है।

राजपुरोहित सामाजिक सरोकारों और सेवा कार्यों से भी सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। जोधपुर जिला प्रशासन द्वारा उन्हें सामाजिक सेवा एवं चुनाव संबंधी उत्कृष्ट कार्य हेतु स्वतंत्रता दिवस पर जिला स्तर पर सम्मानित किया गया है।

उन्होंने राष्ट्रीय स्तर के अनेक कार्यक्रमों में प्रभावी मंच संचालन कर भी अपनी पहचान स्थापित की है। राजपुरोहित लंबे समय से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े हुए हैं और वर्तमान में जोधपुर महानगर उपाध्यक्ष के दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं।

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