ऑटिज्म- सेरेब्रल पॉल्सी के मरीजों को मिलेगा वोटिंग का हक,,, वैभव भंडारी

ऑटिज्म- सेरेब्रल पॉल्सी के मरीजों को मिलेगा वोटिंग का हक:,,,,

पाली के वैभव भंडारी की याचिका पर निवार्चन आयोग ने उठाया कदम। देशभर के न्यूरोलॉजिकल ऑटिज्म व सेरेब्रल पॉल्सी के दिव्यांग मरीज भी अब सामान्य लोगों की तरह मतदान कर सकेंगे। उन्हें भी जल्द वोट देने का हक मिलेगा। इसको लेकर निवार्चन आयोग ने उठाया कदम उठाया और न्यूरोलॉजिक समस्या से ग्रसित मरीजों के नाम भी वोटर लिस्ट में शामिल करने के निर्देश जारी किए है। जिससे की वे भी अपने वोट देने के अधिकार का उपयोग कर सके।यह सब संभव हुआ है पाली के डॉ वैभव भंडारी के प्रयासों से। उन्होंने गत दिनों मुख्य आयुक्त, न्यायालय दिव्यांगजन, नई दिल्ली को परिवाद प्रस्तुत किया था। जिसमें मानसिक विमदिंत गृह और विशेष विद्यालयों के माध्यम से बौद्धिक दिव्यांगजन को उनकी क्षमता के आधार पर मतदान का अधिकार देने की मांग की थी। तर्क रखा कि इससे समाज में विचारों की विविधता का समर्थन किया जाएगा। समान अधिकार के साथ दिव्यांगजन भी समाज के निर्णयों में शामिल हो सकेंगे। इस पर भारत निर्वाचन आयोग को बौद्धिक दिव्यांगजन के मतदान से जुड़े विषय पर कार्यवाही करते हुए रिपोर्ट न्यायालय को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। परिवाद में डॉ. भंडारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत दिव्यांगता से प्रभावित 21 विभिन्न समस्याओं में से कम से कम एक समस्या होने पर मतदाता को दिव्यांग मतदाता माना जाता है। 2015 में लोकसभा में दी जानकारी के अनुसार ही देश में ऑटिज्म के 1470 और सेरेब्रल पॉल्सी के 6600 मरीज थे। इनकी संख्या 9 सालों में 10 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुकी है। इनको 18 वर्ष की आयु हो जाने के बाद भी मतदान का अधिकार देने की पहल नहीं की जाती है।कोर्ट के आदेश के बाद निर्वाचन आयोग हरकत में आया एवं न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से ग्रसित दिव्यांगजनों को मतदाता के रूप में पंजीकृत करने सम्बन्धी निर्देश 17 अगस्त को निर्वाचन आयोग के अंडर सेक्रेटरी शशिकुमार कलिवरापु ने जारी किए हैं। इसकी प्रति मेल पर पाली के डॉक्टर वैभव भंडारी को भेजी है। आयोग के निर्देश के तहत मानसिक रूप से प्रभावित करने वाली समस्याएं दिव्यांगता में शामिल हैं। इससे ऑटिज्म और विशिष्ट सीखने की अक्षमता जैसी समस्याएं समाहित हैं।पाली के डॉ. भंडारी अब तक दिव्यांगों के लिए मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन, इससे बसों में व्हीलचेयर के लिए जगह आरक्षित रखी। दिव्यांगों के लिए प्रत्येक सरकारी कार्यालय में सुलभ आवागमन के लिए व्हीलचेयर सुविधा संस्थाओं के नामों में विकलांग की जगह दिव्यांग शब्द लिखने के आदेश जारी करवाए। सिलिकोसिस पीड़ितों के लिए हर माह शिविर का आदेश मानवाधिकार आयोग में कराया। राज्य के सभी स्कूल-कॉलेजों में दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर की सुविधा उपलब्ध कराई।अधिक सहारे की जरूरत वाले दिव्यांग के लिए राज्य स्तर पर बोर्ड का गठन करवाया।

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