रावणा राजपूत समाज ने मनाया 105 वाँ बलिदान दिवस।

*रावणा राजपूत समाज ने मनाया 105 वाँ बलिदान दिवस।

बलिदान दिवस में श्रद्धांजलि देने पहुंचे महामहिम राज्यपाल*

पाली जिला मुख्यालय पर स्थित हाईफा हीरो सर्किल पर मेजर दलपत सिंह शेखावत का 105वां बलिदान दिवस रावणा राजपूत समाज द्वारा पाली शहर अध्यक्ष उगम सिंह चौहान के नेतृत्व में आयोजित किया गया। इस दौरान कार्यक्रम में महामहिम राज्यपाल श्री कलराज मिश्र, पाली सांसद पीपी चौधरी,पाली विधायक ज्ञानचंद पारख,पाली नगर परिषद् सभापति रेखा राकेश भाटी,भाजपा नेता महेंद्र बोहरा समेत कई लोग मौजूद रहे।

इस दौरान मेजर दलपत सिंह देवली की तस्वीर पर पुष्पमाला अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। जिसके बाद मेजर साहब के नारों ने पूरा चौराहा गूंज उठा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रविंद्र सिंह भाटी ने बताया कि मेजर दलपत सिंह देवली पूरे भारत के गौरव के रूप में माने जाते हैं। उन्होंने 105 वर्ष पूर्व अल्पायु में ही अदम्य साहस का परिचय देते हुए आधुनिक हथियारों से लैस तुर्की सेना का सामना तलवारों से करते हुए इजराइल के हाइफा शहर को आजाद करवाया था।

वरिष्ठ उपाध्यक्ष खीम सिंह भाटी ने बताया की मेजर दलपत सिंह के शौर्य को आज भी इजराइल की पाठ्यपुस्तको में पढ़ाया जाता हैं। इजराइल की सेना 23 सितम्बर को हाइफा डे के रूप में मनाते हुए मेजर दलपत सिंह को याद करती हैं। मरणोपरांत मेजर दलपत सिंह देवली को इजराइल का सर्वोच्च सम्मान मिलिट्री क्रॉस से नवाजा गया। वहीं भारत के संसद भवन के आगे स्थित त्रिमूर्ति में एक मूर्ति मेजर दलपत सिंह की है, जो उनके शौर्य की गाथा बयां करती है।

जगदीश सिंह चौहान बर ने कहा की रावणा राजपूत समाज का इतिहास गौरवमय गाथाओं से भरा हुआ हैं। मेजर दलपत सिंह शेखावत के नेतृत्व वाली सेना की टुकड़ी के सामने तुर्की और जर्मनी सेना महज एक घंटे में परास्त हो गई थी।

जितेन्द्र सिंह खिंवाड़ा ने बताया की आज रावणा राजपूत समाज की राजनीतिक पार्टियों द्वारा नजरंदाज किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। समाज की पूरे प्रदेश में करीब 60 लाख की आबादी है। पाली विधानसभा में 30 से 35 हजार मतदाता हैं, जो लोकतंत्र में बहुत बड़ी ताकत रखता हैं। इस दौरान कार्यक्रम में गोविन्द सिंह चौहान,मदन सिंह चौहान,मनोहर सिंह चोटिला,महेंद्र सिंह खिंवाड़ा,मनोहर सिंह गौड़,
कालू सिंह राठौड़,विजय सिंह जसोल, नवीन सिंह शेखावत, राजेंद्र सिंह मारवाड़, देवेन्द्र सिंह जोधपुर सहित सैकड़ों रावणा राजपूत समाज बंधुओ ने भाग लिया।

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