सहकारिता में जागरूकता एवं सदस्यता कार्यशाला का हुआ आयोजन,,,,,

पाली,,,केन्द्रीय सहकारी बैंक पाली के प्रधान कार्यालय में राजस्थान सहकारी शिक्षा एवं प्रबन्ध संस्थान (राइसेम), जयपुर द्वारा सहकारी समितियों के व्यवसाय विविधिकरण के लिए किए जाने वाले संभावित नवाचारों एवं अन्य सामूहिक विषयो पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में राईसेम, जयपुर से प्रशिक्षण के लिए आए सहायक रजिस्ट्रार राजकुमार शर्मा ने समिति व्यवस्थापकों से समिति में लिए जा सकने वाले संभावित नवाचारो, यथा सहकारी समितियों को मल्टी स्टेट सोसायटियों एनईसीएल, एनओसीएल, बीबीएसएसल की सदस्यता लेने पोर्टल पर समितियों का रजिस्ट्रेशन करने समितियों को एलपीजी वितरण एजेंसी, पेट्रोल पम्प के लिए आवेदन करने, समितियों को खाद-बीज व कीटनाशक लाईसेंस लेने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से समझाया गया। बजट घोषणा में सहकारिता विभाग से संबंधित घोषणाओं से संबंधित गोदाम निर्माण, कस्टम हायरिंग सेन्टर आदि के प्रस्ताव इत्यादि संपूर्ण तैयार कर अतिशीघ्र प्रधान कार्यालय में भिजवाने के लिए समिति व्यवस्थापकों को पाबंद किया गया। बाद में दी पाली सैन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष मनाया गया। जिसमें दी पाली सैन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबन्ध निदेशक प्रशान्त कल्ला ने भारत में बढ़ती सहकारिता से जीवन एवं आर्थिक स्तर ऊँचा उठाने में सहकारिता का योगदान के बारे में सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने हेतु प्रेरित किया। इस क्रम में सरकार की विभिन्न योजनाओ के साथ ऐग्रीस्टेक केम्प में पीएम किसान सम्मान निधि प्राप्त करने वाले लाभर्थियो को केम्प में जाकर फार्मर आईडी बनवाने हेतु प्रेरित करने के लिए निर्देशित किया। अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष का व्यापक प्रचार-प्रसार कर सहकारिता हेतु काश्तकारो के समक्ष नये व्यवसायिक कार्य किये जाने पर चर्चा करने हेतु प्रेरित किया।
पाली अरबन को-ऑपरेटिव बैंक के सचिव फतेह सिंह राजपुरोहित ने सहकारिता के माध्यम से पुरानी पद्धति से हटकर नयी चीजो एवं तकनीकी से जुडकर नये तरीको से को धरातल पर लाकर सक्षम कार्य करवाने हेतु प्रेरित किया उन्होने बताया कि अरबन ऑपरेटिव बैंक एवं रेडक्रास सोसायटी से मिलकर 51 युनिट ब्लड डोनेशन करवाया है। इसके साथ ही उन्होने कहा की कम दर अमानत पर लाभकारिता बढाना ही अब सहकारिता का उद्देश्य होना चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं अध्यक्ष भण्डार त्रिभुवन सिंह मण्डली ने कहा की अर्श से फर्श तक हर कार्यवाही सहकारिता से संभव है अतः अपना पूर्ण समय अपने कार्य को दे तो पता चलेगा कि भी कार्य सहकारिता के बगैर पूर्ण नहीं हो सकता चाहे नरेगा हो या बैंक। राज्य स्तर पर समानित जसवीर सिंह व्यवस्थापक जाडन सहकारी समिति ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये। शिवमंगल सिंह व्यवस्थापक खोखरा, रानी सिंह सोढा ने सरस पशु आहर एवं सरस की डेयरी की योजनाओं तथा बुथ हेतु सहयोग लेने का अहवान किया।
कार्यक्रम में बैंक अधिशाषी अधिकारी किशोरीलाल मेवाडा, अतिरिक्त अधिशाषी अधिकारी जोगेन्द्र सिंह उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां से रूपाराम खारवाल एवं बैंक अधिकारी अतुल पुरोहित, धर्मेन्द्र कुमावत एवं पुनीत उपस्थित रहे।

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