पाली। शहर के घाचियों का बड़ा बास निवासी परिवादिया श्रीमति गायत्री भाटी पत्नि अशोक भाटी ने अपनी फर्म का बैंक खाता शहर के पांच मुखा पुलिया के पास स्थित निजी बैंक एचडीएफसी बैंक में खुलवा रखा था, परिवादिया के बैंक खाते से वर्ष 2009,2010, 2011, 2012 आदि में चैक से डीडी जारी हुए, उक्त जारी हुए डीडी के विवरण की जानकारी परिवादिया ने बैंक में आवेदन कर माँगी लेकिन बैंक ने उसे कोई सूचना उपलब्ध नहीं करवाई, जिस पर परिवादिया ने अपने अधिवक्ता अरिहंत चौपड़ा, प्रवीण साहू, वीरेंद्र सिंह राजपुरोहित ढारिया, कुलदीप सिंह चौहान आलावास के माध्यम से निजी बैंक के विरुद्ध स्थाई लोक अदालत में परिवाद पेश किया, जिस पर बाद सुनवाई अदालत द्वारा दिनांक 12 मार्च 2025 को अध्यक्ष प्रेम प्रकाश गुप्ता, सदस्य श्रीमति ज्योति श्रीवास्तव, गजेंद्र कवर दहिया ने पंचाट निर्णय पारित करते हुए यह आदेश दिया की बैंक ने परिवादिया को सूचनाएं उपलब्ध न करवा कर अपनी सेवाओं में दोष कारित किया है, बैंक परिवादीया को सारी सूचनाएं उपलब्ध करवाए व परिवादिया को 50,000 रूपये मानसिक संताप राशि व परिवाद व्यय के 10,000 रूपये अलग से अदा करे।
ग्राहक को बैंक डीडी की जानकारी उपलब्ध नहीं करवाने पर निजी बैंक पर लगा हर्जाना।
