500 किलो से अधिक सड़े गले आम व केले को करवाया नष्ट

*500 किलो से अधिक सड़े गले आम व केले को करवाया नष्ट**

सावधान 100 केे 04 किलोग्राम आम आपके लिये बन सकते हैं जानलेवा*

पाली, 25 मई 2025/ ग्रीष्मकालीन विशेष अभियान के तहत ’’शुद्ध आहार मिलावट पर वार’’ की कार्यवाही करते हुये पाली जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारियो ने आयुक्त खाद्य सुरक्षा औषधि नियंत्रण एच गुईटे के दिशा निर्देश पर बड़ी कार्यवाही करते हुये 500 किलो से अधिक सड़े गले आम व केले को नष्ट करवाया। इस विशेष अभियान के तहत खाद्य कारोबारकर्ताओ को कच्चे फलो को पकाने में प्रयुक्त होने वाले जहरीले रसायन का छिड़काव नहीं करने की हिदायत दी गयी। साथ ही फल एवं सब्जी मंडी के हालसेल व्यपारियो को सड़े गले फलों व सब्जियों को नहीं विक्रय करने के लिये पांबद किया गया। सीएमएचओ डॉ विकास मारवाल के निर्देशानुसार हीटवेव जैसी तेज गर्मी में पेय पदार्थों ज्युस व फलों में रसायन का प्रयोग करने वाले खाद्य कारबोरकर्ताओ पर विशेष कानूनी कार्यवाही करने को कहा गया। इस अभियान के तहत श्याम एग्रो फुडस अम्बे नगर स्थित कोल्ड स्टोरेज सेन्टर पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिलीपसिंह यादव व सुरेश चन्द्र शर्मा मय टीम ऑपरेटर ओम प्रकाश प्रजापत ने निरिक्षण किया तथा पाया की कोल्ड स्टोरेज सेन्टर में केले को पकाने में प्रयुक्त रसायन एफएसएसएआई द्वारा अधिकृत था।


*सावधान 100 केे 04 किलोग्राम आम आपके लिये बन सकते हैं जानलेवा*
सुनने के बाद आप हैरत में रह जायेगें लेकिन यह सच है ऐसा ही मामला जब सामने आया तब खाद्य सुरक्षा अधिकारियो द्वारा अचानक फल एवं सब्जी मंडी में दबिश देकर एक होलसेल व्यापारी के यहां छापा मारा गया। जो आम बाजार में 100 से 150 रूपये किलोग्राम के बिकते हैं वो ही आम फल केरट में सड़े गले मिले अधिकारियो के पूछने पर खाद्य कारोबारकर्ता ने सौ के 04 किलो देने की बात कह दी। इन सड़े व बदबूदार आमों में कीड़े पड़े मिले। जिस पर कार्यवाही करते हुये 500 से अधिक किलो आम को नष्ट करवाया गया।
*इन रसायनो का उपयोग बन सकता हैं जानलेवा*
खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेश चन्द्र शर्मा ने बताया की केल्सियम कार्बाइड व एस्टीलीन जैसे रसायनो का उपयोग फलो को पकाने में करने पर यह आमजन के स्वास्थ्य के लिये जानलेवा साबीत हो सकता हैं। इस विशेष अभियान के तहत जिले भर में सभी ज्युस सेन्टरो कोल्ड स्टोरेज सेन्टर व फल एवं सब्जी विक्रेताओ के यहां पर कार्यवाही कर अभियान को सफल बनाया जायेगा। अभियान के दो दिनों में ही शहर के विभिन्न जगहों से फलो की रसायन जांच के लिए 16 सेम्पल लिये गये जिन्हे जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला में जांच हेतु भेजा गया।

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