पाली। आचार्य रघुनाथ स्मृति जैन भवन, रुई कटला मे चातुर्मास हेतु विराजित महासती श्री मंजुलज्योतिजी म. सा. आदि ठाणा 5 की निश्रा मे गुरु द्वय जन्म जयन्ति मरुधर केसरी श्री मिश्रीमलजी म. सा. की 134 वी जन्म जयन्ति एवं वरिष्ठ प्रवर्तक श्री रुपचंदजी रजत म. सा. की 97 वी जन्म जयन्ति के अवसर पर पंचम दिवस 17/8/24 को संघ के सानिध्य में श्री मरुधर केसरी मित्र मंडल द्वारा विभिन्न कार्यक्रम हुए।
मंत्री सज्जनराज गुलेच्छा ने बताया कि मंडल, के द्वारा सर्वप्रथम मानवसेवा के रूप मे अपना घर आश्रम सेवा समिति( वृद्धआश्रम), श्री राम रसोड़ा ट्रस्ट, महावीर सेवा समिति, रामजी सेवा संस्थान(रजि.) आदि संस्थाओ मे दोनों समय का मीठा भोजन रखा गया।
आचार्य श्री रघुनाथ स्मृति जैन भवन मे विराजित महासती श्री मंजुलज्योति जी म. सा. ने अपने प्रवचन मे फरमाया की मूक प्राणी व मानव मात्र की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। गुरूदेव मिश्रीमलजी म सा व रूपमुनिजी म सा नेअपने सम्पूर्ण जीवन मे जीवदया हेतु अनेकोनेक गौशाला खुलवाई, मानवमात्र की सेवा के अनगिनत कार्य करवाए। मरुधर केसरी मित्र मंडल के द्वारा जो सेवा कार्य किये गये उनकी भूरी भूरी प्रशंसा और अनुमोदना की। प्रवचन मे आज 150 श्रावक श्राविकाओं ने 3-3 सामायिक की। 3 सामायिक प्रभावना के लाभार्थी लादूराम, संजय, राहुल लोढ़ा परिवार थे।
प्रवचन प्रभावना के लाभार्थी देवीचंद, पारसमल भंसाली परिवार थे।
मित्र मंडल के मंत्री सज्जनराज गुलेच्छा ने बताया की कल दिनांक 18/8/2024, रविवार को गुरु दर्शन हेतु पाली से बसों द्वारा सोजत एवं जैतारण ले जाया जायेगा।
मित्र मण्डल के अध्यक्ष नेमी चन्द चौपड़ा ने श्री मरूधर केसरी मिश्री मल जी म सा व शेरे राजस्थान रूप मुनि जी म सा के जीवन पर प्रकाश डाला व दोनों गुरू देव का विशवास व कृपा दृष्टि मेरे ऊपर थी उनके आशीर्वाद से जैतारण में दोनों महापुरुषों के धाम बनाने में मेरा योगदान रहा । धर्म सभा में संघ अध्यक्ष संघ अध्यक्ष गौतम चंद कवाड पुख राज लसोड़ नरेन्द्र पंच, शरबत पगारिया, ताराचन्द जैन, मनमोहन गांधी ज्ञानचन्द पोखरना, पारसमल तलेसरा, प्रकाश भरकक्तिया, दिलीप कटारिया, मांगीलाल संचेती, मनोज नाबरियां, सोमचन्द नाहटा देवी चन्द सालेचा पारस मुथाआदि मौजूद थे।अन्त में चौपड़ा ने संघ व मण्डल के सभी सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित किया कि दोनों गुरूदेवो के कार्यक्रम को सफल बनाया ।
आयोजक:- *श्री मरुधर केसरी मित्र मंडल* पाली