गुरू द्वय जन्मजयंती पर सप्त दिवसीय कार्यक्रम का भव्य आयोजन

पाली।श्री मरूधर केसरी मित्र मण्डल द्वारा आयोजित सप्त दिवसीय महोत्सव तप त्याग व सेवा गुणगान दिवस के रूप में संघ के सानिध्य में आचार्य श्री रघुनाथ स्मृति जैन भवन में विराजित महासती श्री शीतल जी म सा ने गुरु मिश्री के जीवनी पर प्रकाश डाला । श्री मरुधर केसरी जी तप त्याग और संयम के एक अनोखे पुजारी थे अहिंसा के पथ पर चलते सबके हितकारी थे। आपने 100 से अधिक शिक्षण संस्थान, छात्रावास, पुस्तकालय, स्थानक भवन,

चिकित्सालय, गौशाला, बकराशाला के निर्माण की प्रेरणा दी। अंहिंसा के अमर साधक थे अनेकों जगह जैसे बिलाड़ा गनहेड़ा तिलोड़ा आदि में जीव हिंसा बंद करवाई। आपकी श्रमण संघ के निर्माण में अहम् भूमिका रही। पूज्य महासती जी ने सभी से कहा कि जयंती मनाना तभी सार्थक है जब हम लोग गुरु के बताए हुए मार्ग पर चलें..।
संघ के सानिध्य में तीन सामायिक के लाभार्थी प्रकाश चंद पदमचंद हिमांशु सुराणा परिवार व प्रवचन प्रभावना के लाभार्थी लालचंद रितेश कावड़िया परिवार व सामूहिक आयम्बिल के लाभार्थी लाभचंद ऋषभ गांधी परिवार आज मंडल द्वारा वृद्धाश्रम, अपना घर, मंदबुद्धि, राम रसोड़ा, कुष्ठ रोग, नेत्रहीन संस्था, आदि जगहों पर आज मीठा भोजन करवाया। गुरुदेव की हमेशा प्रेरणा रही की सभी को भोजन करवाने का उपदेश देते थे।

आज रोज मंडल द्वारा मुनिदर्शन व गुरुदेव की जयंती मनाने के लिए पुष्कर व पावन धाम जैतारण गुरु भक्त गए.
मंडल के मंत्री सज्जनराज गुलेच्छा ने बताया कि अध्यक्ष नेमीचंद चोपड़ा,संघ गौतम कवाड, पदम ललवानी, सम्पत तातेड, धनपत चोपड़ा नरेंद्र पंच, शरबत पगारिया, मांगीलाल संचेती, प्रकाश भरकतिया, नेमीचंद छाजेड, सोमचंद नाहटा, पारस तलेसरा, लादूराम लोढ़ा, दिलीप कटारिया, पारस चोपड़ा, पारस मुथा आनन्द कवाड, प्रकाश कटारिया, अशोक संचेती, पदम धारीवाल आदि का सहयोग रहा.श्री शीतलजी म सा से मंगल पाठ श्रवण किया ।

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