पाली,,
महानवमी पर जोधपुर रोड स्थित मां हिंगलाज माता मन्दिर परिसर में हवन-पूजन के साथ आयोजित विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों से पूरे मन्दिर का वातावरण भक्तिमय बना रहा। संत चेतनगिरी जी महाराज की निश्रा में भारी संख्या में संत श्रद्वालुओं ने मां हिंगलाज माता की आराधना की । इस दौरान कन्या पूजा, प्रसादी आयोजन भी हुआ ।मंहत चेतनगिरी महाराज के नवरात्रा मे पूर नौ दिवस अन्न-जल ग्रहण किए बिना मां हिंगलाज की आराधना के बाद आज सुबह अपनी कुटिया से बाहर आने पर उनके अनुयाईयों, भक्तोें ने महाराज के चरण-स्पर्श कर उनका आर्शीवाद प्राप्त किया । अपने आशीर्वचन में महाराज चेतनगिरी जी ने मां हिंगलाज की नौ दिवसीय कठोर साधना के दौरान उन्हे माता के दिःस्वप्न मे आने तथा इस दौरान मन्दिर परिसर में नाडी होने तथा उसके अन्दर गाय-बछडा की मूर्ति की होने की जानकारी दी। भक्तों द्वारा महाराज को आए स्वप्न स्थल की खुदाई करने के दौरान गाय-बछडा की मूर्ति निकली जिस पर खुदाई के अवशेष भी मिले है। महाराज ने बताया की बंजारा समाज के इतिहास आज से तीन सौ-साढे तीन सौ साल पहले खारडा मे संवत 1777 के आसोज सुद तेरस को यहां गाय-बछडा की मूर्ति चढाने तथा गायों को गुड़ पिलाने (खिलाने) के साक्ष्य मिलते है, जिससे स्पष्ट है कि यह स्थल बंजारा समाज की आराध्य मां हिंगलाज का रहा हैं। जोधपुर रोड स्थिल मां हिंगलाज माता का मन्दिर अति प्राचीन है, यहां नियमित रूप से धूप-दीप होता है, बंजारा समाज के चारों मण्डलों के सदस्य नियमित रूप से मां की पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं।
मंहत चेतनगिरी महाराज ने नौ दिन तक अन्न-जल ग्रहण किए बिना मां हिंगलाज माता की कठोर आराधना की। इस दौरान वह अपनी कुटिया में ही रहें।
कन्या पूजन महानवमी पर हिंगलाज माता की पूजा-आरती के बाद कन्याओं का पूजन कर उन्हे माता का प्रसाद व दक्षिणा दी गई। प्रसादी हिंगलाज माता की लापसी, चने की सब्जी का भोग लगाकर श्रद्वालुओं में प्रसादी का वितरण किया गया। इस दौरान चारों मण्डलों के वरिष्ठ सदस्यों सहित योगी शांतिगिरी महाराज, हनुमान गिरी महाराज, पंडित प्रकाश दवे, सहित महिलाओं, युवाओं एवं कन्याओं ने अपनी अच्छी खासी उपस्थिती दर्ज करवाई।
महानवमी पर जोधपुर रोड स्थित मां हिंगलाज माता मन्दिर में धार्मिक कार्यंकर्मों का हुआ आयोजन,,
