पाली। रुप रजत विहार पाली के प्रागंण मे चार दिवसीय स्वाध्ययायी प्रशिक्षण शिविर के समापन एंव मेवाड़ गौरव पूज्यश्री वेणीचंदजी म. सा. के 116 वे पावन स्मृती दिवस के शुभ अवसर पर अपने प्रवचन हमें महासती जी श्री मैना कवंरजी म. सा. ने उनका गुणानुवाद करते हुए उनके जीवन, वेराग्य प्रसंग ऐवं घोर अभिग्रहण के बारे मे जानकारी देते हुए बताया कि पूज्यश्री वेणीचंदजी म. सा. ने 22 वर्ष तक पांवो पर खड़े रहकर ध्यान साधना एंव घोर अभिग्रह के बारे मे बताते हुए सभी श्रोताओ को रोमांचित कर दिया!
पूज्य उप प्रवर्तक श्री विनय म. सा. ने पूज्यश्री का गुणानुवाद करते हुए शिविर मे पधारे सभी स्वाध्याय बंधुओ को नियमित स्वाध्याय करने एंव निरन्तर स्वाध्याय संघ की प्रगति पथ पर ले जाने का संदेश देते हुए आशीर्वाद प्रदान किया! रुप रजत विहार गुरु सेवा समिती के अध्यक्ष श्री नेमीचंदजी चौपड़ा ने गुरुदेव एंव महासतियाजी म. सा., ने अपने सानिध्य मे स्वाध्यायीयो का उत्साहवर्धन किया इस हेतु कृतज्ञता प्रकट करते हुए सभी पधारे स्वाध्यायीयो का अभिनन्दन किया! इस शिविर मे देश के विभीन्न क्षेत्रो से पधारे करीब 400 स्वाध्यायीयो मे से 101 तो स्वाध्यायी 25 वर्ष से अधिक समय से सेवा दे रहे हे जिनमे प्रमुख श्री शोभाचंदजी संचेती, नवरतनमलजी वैदमुथा, प्रतिभाजी संचेती, अमरचंद जी गुगलिया भागचंदजी आदि मोजुद रहे!विभीन्न संघो के पदाधिकारियो एंव पधारे हुए श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया! पाली शहर के इतिहास मे पहली बार इस आयोजन ने एक नया इतिहास रचा दिया! मंच संचालन स्वाध्याय संघ के श्री निर्मल जी छाजेड़ ने किया! शिविर के समापन के अवसर पर महामंडलेश्वर विश्व विख्यात श्री महेश्वारानंदजी का सानिध्य मिला! अहमदनगर स्वाध्याय संघ द्वारा रुप रजत विहार के कार्यकारिणी सदस्य अशोक भंडारी, पारसमल छाजेड़,योगेन्द्र जैन जवरीलाल कांकरिया, सज्जनराज गुलेच्छा, महेन्द्र जैन नरेन्द्र पंच, शरबत चंद पगारिया, व रुप रजत विहार के अध्यक्ष श्री नेमीचंद जी चोपड़ा का स्वागत किया!

श्री संघ सभा वश्री वर्धमान स्थानक वासी श्रावक संघ की कार्यकारिणी ने श्री नेमीचंदजी चोपड़ा का माल्यापर्ण एवं मोमेन्ट देकर अभिनन्दन किया । रूप रजत के सज्जन राज गुलेच्छा ने बताया कि शिविर के समापन में आनन्द राज गांधी गौतम चन्द कवाड मोती लाल कटारिया अमर चन्द बोहरा शान्ती लाल बुरड़ प्रेम राज गांधी पुख राज लसोड सम्पत तातेड आदि मौजूद रहे ।संचालन ओम आचार्य ने किया ।