गणपति विसर्जन को दिया सृजन का स्वरूप

ब्यावर। अनंत चतुर्दशी के पावन पर्व पर इस बार गणपति विसर्जन को नए आयाम के साथ सृजन के रूप में मनाया गया। बारूपाल परिवार और लाइफ लाइन फेडरेशन ऑफ़ इंडिया की पहल पर विसर्जन की परंपरा को इको-फ्रेंडली तरीके से आगे बढ़ाते हुए गणपति की मूर्ति की मिट्टी को पौधों में मिलाकर श्रद्धालुओं को पौधे भेंट किए गए।

कार्यक्रम में संस्थापक लक्ष्मण सामरिया ने सभी को शपथ दिलाई कि इन पौधों को नन्हे बालक की तरह पाल-पोसकर पर्यावरण संरक्षण में योगदान देंगे। इस पहल का उद्देश्य धार्मिक आस्था को सुरक्षित रखते हुए जल प्रदूषण को रोकना और समाज में पर्यावरण जागरूकता फैलाना है।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती शशि बाला सोलंकी (पूर्व सभापति नगर परिषद, ब्यावर), अध्यक्षता गोपाल सिंह रावत (प्रदेश संयोजक), और विशिष्ट अतिथि डॉ. बी.सी. सोढ़ी (पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी व संस्था संरक्षक) रहे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में मातृशक्ति, बालक-बालिकाएं और समाजसेवी उपस्थित रहे और इस अनूठी पहल की सराहना की।

कार्यक्रम के अंत में मनोज बारूपाल ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मुहिम को जन-जन तक पहुंचाने की अपील की। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान “एक पौधा मां के नाम” और “हरियालो राजस्थान” को भी लोगों से जोड़कर जागरूकता फैलाई गई।

इस अवसर पर भारती बारूपाल, निर्मला सामरिया, ममता छीपा, प्रेम राठी, लक्ष्मी भटनागर, प्रमिला कुमावत, मीना साधवानी, कोमल टांक, प्रवीण सिंगारिया, विजय गुप्ता, सुरेश फुलवारी, राकेश झांकल सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।

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