किसान का पुत्र बना फिर किसान, एमबीए नारायण चौधरी ने लाखो रुपए का वेतन छोड़ गांव में की सीताफल की खेती, लोगो को दे रहा रोजगार

पाली जिले के रानी तहसील के देवली पाबूजी का किसान नारायण चौधरी पुत्र गोमाराम सीरवी की शिक्षा 8 तक गाँव में 10 वी राणावास से 12वी बांगड़ स्कूल से B. A बांगड़ कॉलेज से हई। 2007 में पुणे से MBA किया। 2साल पुणे में mnc में जॉब की फिर एक साल राजस्थान के मार्केटिंग रिजनल हेड रहे। फिर नौकरी छोड़ गाँव में पत्थर कटिंग की फैक्ट्री डाली 2015-16 में गाँव के बाहर पाली रोड पर 18 बीघा बंजर जमीन खरीदी फिर उसमे 2019 में गुजरात की कंपनी से 600 पौधे NMK1 गोल्डन सीताफल लाये और बंजर जमीन में पौधे के गढ़े खोद कर उसमे बाहर से लायी गयी उपजाऊ मिट्टी डाल पौधे लगाए, 1 साल पानी पिलाया । उसके बाद नारायण चौधरी ने फिर 2020 में 2100 पौधे इसी तरह और लगाये। पौधे को पानी पिलाने के लिए खेत में खेततलाई बनायीं फिर चूरू सुजानगढ़ से प्लस्टिक की शीट ला कर लगाई बरसात का पानी इकठा कर बून्द बून्द सिचाई से पौधों को पानी पिलाकर पोधो को बड़ा किया। चौधरी की मेहनत रंग लाई और इन पौधों में अब सीताफल की भरमार खेती होने लगी।

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