तप ही जीवन का सार हैं महासती मंजुलज्योति जी

पाली।आचार्य श्री रघुनाथ स्मृति जैन भवन में विराजित महासती श्री मंजुलज्योति म. सा. ने आदि ठाणे 5 की निश्रा व संघ के तत्वाधान में जप तप एवं धर्म ध्यान से चल रहा है।

प्रवचन में महासती ने फ़रमाया कि आयम्बिल व्रत करना ही तप नहीं हैं अगर आप भोजन करने के बाद थाली घोलकर पीते हैं तो वो भी तप में आता हैं। तप ही जीवन हैं, दया है, धर्म हैं, विवेक है, अनुशासन हैं इसलिये जो भी करो विवेक से करो। विवेक ही व्यक्ति को सही राह पर लेकर जाता हैं। तप करते रहो कल्याण निश्चित हैं।

कार्यक्रम में मौजूद जैन समाज की महिलाएं

*”गुरु चंदन-विजेन्द्र पुण्य स्मृती दिवस”* के उपलक्ष मे पांच दिवसीय कार्यक्रम 21/8/24 से 25/8/24 रविवार तक जप तप के साथ मनाया जा रहा है!

सज्जन राज गुलेच्छा ने बताया कि तृतीय दिवस 23/8/24 शुक्रवार का कार्यक्रम 11 घण्टे का नवकार मंत्र जाप के लाभार्थी श्री सुरेशचंद राहुल कुमार गुलेच्छा परिवार ( हा. बोर्ड वाला) है।

तीन तीन सामायिक की प्रभावना के लाभार्थी एक साधर्मिक परिवार है।

नवपद चहुंमुखी जाप के प्रभावना के लाभार्थी परिवार श्रीमान मानमल, मनोजकुमार, नेतीक, चिराग बाफना परिवार है।जाप का समय सुबह 9.30 से रहेगा!

प्रवचन मे सुबह 9.30 बजे तक आने वालो को कुपन दिया जायेगा! प्रवचन पश्चात 5 लक्की डाॗ खोले जायेंगे! लाभार्थी श्रीमान नरेन्द्रकुमार कुशलराज प्रदीपकुमार सुराणा (पंच) परिवार है।

24 अगस्त को सामूहिक एकासना का आयोजन हैं जैन भवन किंलगा पोल में रखा गया हैं।

प्रवचन में अध्यक्ष गौतमचन्द कवाड, उपाध्यक्ष पुखराज लसोड़, महेन्द्र जैन, धनपत चौपडा, मनमोहन गांधी, इन्द्रचन्द कोठारी, गिरीश कांकरिया, सम्पत पारख, सज्जन धारोलिया, जवरीलाल बाफना, प्रकाश बलोटा गौतम नवलखा पारस मुथाआदि मौजूद रहे ।

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