पैगम्बर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के 1500वें जन्मोत्सव पर पाली में निकला भव्य जुलूस

पाली। पैगम्बर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के 1500वें जन्मोत्सव ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर शुक्रवार को पाली शहर में “नबी की आमद मरहबा, आका की आमद मरहबा” नारों के साथ भव्य जुलूस निकाला गया। बैंड-बाजों की धुन और गूंजते नारों से पूरा माहौल सराबोर हो उठा।

ईद मिलादुन्नबी के मौके पर कार्यक्रम में उपस्थित लोग

सुबह से उमड़ा जनसैलाब

सुबह से ही नाड़ी मोहल्ला मिलाद चौक पर ट्रैक्टर, खुली जीप और बाइकों पर सवार होकर मुस्लिम समाज के लोग जुटने लगे। सर्वप्रथम आइमा-ए-मसाजिद एवं उत्तर प्रदेश से पधारे मुफ़्ती ज़ाकिर हुसैन नईमी ने तकरीर पेश करते हुए कहा कि हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम इंसानियत के लिए रहमत बनकर आए। उन्होंने अमन, बराबरी और गरीबों की हिमायत का पैगाम दिया। औरतों को उनके अधिकार दिलाए और समाज से बुराइयों को दूर कर इंसानों के लिए मुकम्मल निज़ाम-ए-हयात अता किया।

सजावट व झांकियों का हुआ सम्मान

कार्यक्रम में मोहल्लों में आकर्षक सजावट और झांकियों का भी आयोजन हुआ।

झांकी प्रतियोगिता में

प्रथम स्थान: इंदिरा कॉलोनी व खरादियों की गली

द्वितीय स्थान: बुसी गली

तृतीय स्थान: अरान अली डायर नाड़ी मोहल्ला

मोहल्ला सजावट में

प्रथम स्थान: जंगीवाड़ा चौक

द्वितीय स्थान: सिपाहियों का बास

तृतीय स्थान: छिपों का हेटला बास (जाकिर हुसैन रोड)

मकान सजावट में

प्रथम स्थान: अबरार हुसैन (प्यारा चौक)

 

इन विजेताओं को अंजुमन सीरतुन्नबी के सदर हाजी मोहम्मद रफीक गौरी ने शील्ड एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

शहरभर से होकर गुजरा जुलूस

अंजुमन सीरतुन्नबी के प्रवक्ता आमीन अली रंगरेज ने बताया कि जुलूस नाड़ी मोहल्ला मिलाद चौक से रवाना होकर केरिया दरवाजा, बादशाह का झंडा, गजानंद मार्ग, जंगीवाड़ा, नवलखा रोड, प्यारा चौक, रुई कटला, उदयपुरिया बाजार, सर्राफा बाजार, बादशाह झंडा होते हुए पुनः नाड़ी मोहल्ला पहुंचकर संपन्न हुआ।

समाजों ने किया स्वागत

जुलूस मार्ग में जगह-जगह विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने स्वागत किया। सर्राफा बाजार में हिंदू समुदाय के पाली अधिकमास परिक्रमा संघ ने विशेष स्वागत किया, जिसने भाईचारे की मिसाल पेश की।

व्यवस्थाओं में सहयोग

जुलूस की व्यवस्थाओं को लेकर कमेटी के सदर हाजी मोहम्मद रफीक गौरी, मुस्लिम समाज सदर हकीम भाई, विधायक भीमराज भाटी सहित अनेक पदाधिकारियों और सदस्यों ने सहयोग दिया। जिनमें हाजी महबूब टी, सय्यद रमज़ान सर, सईद अंसारी, इंसाफ सोलंकी, मेहबूब खिंवाड़ा, यूसुफ असरफी, शकील अहमद नागौरी, इस्माईल खान छिपा, फरीद खान छिपा, नजीर खान सिंधी, यूसुफ मोयल, फारूक रंगीला, आमीन गौरी, इकबाल नगरवाला, मकसूद चुड़ीगर, हसन भाटी, हाजी इसराइल खत्री, जावेद जिलानी सहित दर्जनों कार्यकर्ता शामिल रहे।

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