पाली,,,,
राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं बांगड़ अस्पताल में शनिवार को सर्जन डॉक्टरों के प्रयास से कटे हुए तालु का सफल ऑपरेशन किया गया। बता दे की यह पाली जिले में इस प्रकार का प्रथम ऑपरेशन किया गया। बच्चों में अनुवांशिक रूप से एवं कुछ अन्य वजह से जन्मजात विकार रह जाते हैं इन विकारों में कटा हुआ होंठ एवं कटा हुआ तालु मुख्य है। कटे हुए तालु के कारण बच्चों को खाने-पीने में समस्या आती है एवं बोलने में भी समस्या आती है । इसमें बच्चों का स्पीच डेवलपमेंट नहीं हो पता है इसमें बच्चा पैदा होने के बाद मां का दूध भी सही ढंग से नहीं पी पता है एवं कोई भी वस्तु या पीने की चीज लेने के बाद वह नाक में आने लगती है इसे शीघ्र ही पहचान कर 2 वर्ष की आयु के आसपास ऑपरेशन कर देना चाहिए । पाली में बांगड़ चिकित्सालय में रानी तहसील निवासी 10 वर्षीय सोहन परिवर्तित नाम जिसे जन्म से ही खाने-पीने में समस्या आती थी एवं खाना नाक में आ जाता था एवं आवाज भी साफ नहीं थी यह ऑपरेशन पहले बांगर चिकित्सालय में कभी भी नहीं हुआ था इस ऑपरेशन हेतु मुंह में विभिन्न प्रकार की त्वचा की भी आवश्यकता होती है इस हेतु नई चमड़ी भी लगाई जाती है आज 6 जनवरी को प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक डॉक्टर दीपक वर्मा के निर्देशन में एवं अधीक्षक डॉक्टर पीसी व्यास अतिरिक्त अधीक्षक डॉ आर बिश्नोई की प्रेरणा से कान नाक गाल के विभाग अध्यक्ष डॉ गौरव कटारिया के नेतृत्व में जोधपुर संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज से पधारे प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर प्रभु दयाल सिनवार के सहयोग से डॉ संदीप कुमार यादव डॉक्टर ए एन योगी डॉक्टर नरपत सिंह डॉक्टर प्रवीण एवं डॉ रामावतार की टीम ने किया । इसमें निश्चेतना विभाग के डॉक्टर सुथार एवं डॉ मुकेश चौधरी एवं डॉक्टर स्वाति ओझा का सहयोग रहा नर्सिंग स्टाफ में घनश्याम सिंह राठौड़ अनिल एवं सुखराम ने सहयोग दिया विभाग अध्यक्ष डॉ गौरव कटारिया ने बताया कि अब इस तरह के कटे हुए तलवे के ऑपरेशन नियमित रूप से विभाग में किए जाएंगे इसे हेतु जोधपुर से आए प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर प्रभु दयाल सीवर ने बताया की कटे हुए होंठ का ऑपरेशन 1 वर्ष की उम्र के आसपास एवं तलवे का ऑपरेशन 2 वर्ष तक करवा देना चाहिए इसमें जल्दी ऑपरेशन करवाने से बच्चों को खाने-पीने एवं बोलने की समस्या नहीं रहती है डॉक्टर दीपक वर्मा ने इसे हेतु कान नाक गला विभाग विभाग एवं जोधपुर से पधारे प्लास्टिक सर्जन दो प्रभु दयाल को बधाई दी।